Sunday, April 4, 2010

Hindi poem : Aaj ek bar sabse muskara ke baat karo

Hindi poem : Aaj ek bar sabse muskara ke baat karo


Hindi poem : Aaj ek bar sabse muskara ke baat karo

Posted: 04 Apr 2010 04:17 AM PDT

आज एक बार सबसे मुस्करा के बात करो
बिताये हुये पलों को साथ साथ याद करो
क्या पता कल चेहरे को मुस्कुराना
और दिमाग को पुराने पल याद हो ना हो



आज एक बार फ़िर पुरानी बातो मे खो जाओ
आज एक बार फ़िर पुरानी यादो मे डूब जाओ
क्या पता कल ये बाते
और ये यादें हो ना हो

आज एक बार मन्दिर हो आओ
पुजा कर के प्रसाद भी चढाओ
क्या पता कल के कलयुग मे
भगवान पर लोगों की श्रद्धा हो ना हो

बारीश मे आज खुब भीगो
झुम झुम के बचपन की तरह नाचो
क्या पता बीते हुये बचपन की तरह
कल ये बारीश भी हो ना हो

आज हर काम खूब दिल लगा कर करो
उसे तय समय से पहले पुरा करो
क्या पता आज की तरह
कल बाजुओं मे ताकत हो ना हो

आज एक बार चैन की नीन्द सो जाओ
आज कोई अच्छा सा सपना भी देखो
क्या पता कल जिन्दगी मे चैन
और आखों मे कोई सपना हो ना हो

क्या पता
कल हो ना हो ....


Lovely hindi sms :Phool ki shuruvat kali se hoti hai

Posted: 03 Apr 2010 11:23 PM PDT

Phool ki shuruvat kali se hoti hai,
Zindagi ki shuruvat pyar se hoti hai,
Pyar ki shuruvat apno se hoti hai
aur apno ki shuruvat aapse hoti hai.


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